नमस्कार भैजी–बुलों…
मी सौंणु दिदा फिर हाजिर छौं गढ़वई समाचार लीक। गढ़वई समाचार मां हम तुम खुणी बतौला ये हफ्ता की 10 बड़ी खबर। त चला भै शुरु करदां आजकु समाचार।
1.
शुरुआत एक दुखद समाचार सी कनू छों. भारत–पाकिस्तान सीमा पर पेट्रोलिंग का दौरान चमोली कु हमारु जवान राजेंद सिंह नेगी लापता व्हैगेनी। करीब एक हफ्ता बाद भी तौंकु कुछ पता नी चली। परिवार की टक्क लगीं च कि फोन की घंट बजली और क्वी खुशखबरी आली। कुछ मीडिया रिपोर्ट बोलणी छन कि राजेंद्र जी फिसलीक पाकिस्तान की सीमा मां पौंछीगेनी। तलाश अभियान मां जुटी सेना न् बोली की राजेंद्र पाकिस्तान सीमा मां नीन। सोशल मीडिया से लीक सरकार तक नेगी जी तैं खोजणा कु प्रयास जारी च। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत्न रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सी मुलाकात करी और तलाशी अभियान मां तेजी लौणा की अपील करी। हम भी फिलहाल दुआ ही करी सकदां कि जल्द सी जल्द राजेंद्र जी मिल जां और राजी खुशी घोर ए जां।
२.
बैजी क्या कभी आपन् देखी कि पुलिस घर सी बुलै–बुले तैं लोगुं उणी मोबैल द्याणी च। वी भी मैंगा–मैंगा। मी जाणदूं छों कि तुम उणी अफड़ा कंडूड़ पर विश्वास नी वलु व्हणू। किलै कि पुलिस न त् चुनाव लड़दी और ना ही पुलिस सी हम कुछ मिलणा की उम्मीद करदां बल्कि डर हमेशा अफड़ी जेब सी देणा कु रंदू लग्यूं… उत्तराखंड पुलिस कुछ अलग कनी च। देहरादून पुलिस लोगों उणी बुलै–बुलै क् मोबैल द्याणी च। यु कमाल ची ‘मोबाइल रिकवरी सेल’ कु। और जु मोबैल बंट्याणा छिन तौंकि कीमत हजारों रुपये सी लीक करोड़ो तक च्. जब या बात मैंन ग्वाणु दिदा बताई। त् ग्वाणु दिदा रातु का घम अंध्यारा मां देहरादून पैटिगे। अरे बल बड़ी मुश्किल सी थामी और तौं उणी ये की वजह बताई। दरअसल यी फोन वु छन जु ख्वैगे छया या चोरी वैगे छया। लेकिन उत्तराखंड पुलिस कु कमाल च कि तौंन ई सब मौबैल खोजिक लेल्यन। त् बैज्यों यांक ही बोलदन हमारी उत्तराखंड पुलिस हीरा ची हीरा।
३.
उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय सी पढ़ाई कन वावा छात्रों का खातिर एक खुशखबरी च।अब तुम तैं फाइनल ईयर की मार्कशीट लेणा खुणी ठैट अफड़ा गौं सी विश्वविद्यालय औणां की जरूरत नही। बल्कि अब सीधा तुमारा मोबैल पर मार्कशीट मिल जाली। जी हां सीधा तुम्हारा मोबैल पर। त् तुम उणी क्या लगी कि मोबैल सिर्फ व्हाट्सऐप पर छ्वीं लगाण क च् और फेसबुक पर मथी गौं की रामप्यारी तैं मैसेज भेजणा क् च. ना जी ना। एक ऐप च डिजी लॉकर। सरकारी ऐप ची भाई। यीं ऐप पर तुम खुणी अफड़ी मार्कशीट मिल जाली। ये खातिर आप खुणी जै दिन तुम ईं धरती पर जर्म्यन, तैं दिन की तारीख, परीक्षा कु अनुक्रमांक और नामांकन संख्या डालण पड़ली।
४.
पिछला हफ्ता एक फिल्म आई छपाक। या फिल्म एसिड अटैक की एक पीड़िता का जीवन पर बणी च। फिल्म कु विरोध भी व्है। किलै कि कुछ लोगुंन दीपिका का JNU मां जाण का विरोध मां फिल्म कु विरोध करी। पर हमारी उत्तराखंड सरकार्न एक बड़्या काम करी। राज्य सरकार् न एसिड अटैक सर्वाइवर्स का खातिर पेंशन स्कीम की घोषणा करी। राज्य मंत्री रेखा आर्या न् बताई कि एसिड अटैक सर्वाइवर खुणी हर मैना 5000 सी 6000 की आर्थिक सहायता दिये जाली। ये कदम की तारीफ हुईं चैंदी। चला क्वी त च जु राजनीति का अलावा भी सौचदू।
५.
एक और अच्छी खबर सुणा। उत्तराखंड पुलिस एक खास ऐप ल्योंणी च्. जैसी तुम जब पाड़ी रास्ता पर गाड़ी चलाला त् तुम खुणी ब्लाइंड टर्न यानि नी दिख्याण वावा मोड का बारा मां पैली ही पता चली जालु। बैजी ब्लाइंड टर्न सही बताई न् मैन। नी बताई व्हलु त सई बतै द्यां… क्या कन बैजी गाड़ी–घोड़ा छौ नीन्… हम त् विश्वानाथ ट्रांसपोर्ट का धक्का खाण वावा छां।
हां त हम बात छई कना उत्तराखंड पुलिस की ऐप की। ऐप कु नौं व्हलु मेरी यात्रा। य ऐप 31 जनवरी तक लॉन्च व्है जाली। ईं ऐप की मदद सी एक्सिडेंट कम व्हण की उम्मीद च।
६.
बैजी…. तुम चाहे सुंघुर पाया, बाघ पाया या फिर रीख।.. पर गलती सी भी लैबरा डोग न पाया भाई। अरे लबरा छौरी वाई लबरा न् रै…. यु नी उंदु लबरा डोग. भई सु अंग्रेजी कुत्ता। जी हां। त् एक दुखभरी काणी सुणा। उद्धम सिंह नगर जिला मां द्वी परिवारु का पास छई लबरा कुकुर। द्वी का कुकुर दिसंबर का मैना मां ख्वै गैनी। एक दिन एक भला मनखी वुणी एक लबरा कुकुर मिलगे। और वै भला मनखीन् फेसबुक पर पोस्ट लिखी कि भई जैकु भी यू कुकुर च… सु फुंडु लिगै द्या। अर बल यख पोस्ट वई, तक द्वी परिवार एग्यन और बोलण बैठिग्यन कि यु कुकुर मेरु च। त् भई फैसला जब वई नी। त पुलिस का पास मामला गै।
पुलिसन् भी दिमाग लगाई और बोली कि द्वी कुकुर उणी तैका नौं सी बुलाला… कुकर जैमा जालू, कुकुर तैकु। लेकिन लबरा कुकुर त लबरा छई. द्वी मालिकुन तै अफड़ा धर्यां नौं सी बुलाई और स्वी द्वी मां नैंगे। पुलिस भी अफड़ु कपाउ पकड़ीक बैठी। फिर पुलिसन् रात भर सु कुकुर कस्टडी मां रखी और ये दौरान द्वी मालिक भी वखी रैन।
ये वक्त मां भी कुकुर द्वी मालिकु दगड़ी मस्त करी घुमणु रै। पुलिसन् कपाउ पर चोट मारी कि अब फैसला कन क्वै वलु। तब तैं सुबेर कु एक मालिकन लिखिक दे दिनी कि यू कुकुर तैकु नी। त् भई लबरा कुकर त लबरा निकली भै। या खातिर छौं ब्वनु रीख पाया, बाघ पाया, पर लबरा नौं कु कुकुर ना पाया। अफड़ा पाड़ी कुकुर ही बड्या छन। मोटा–ताजा भी और ईमानदार भी।
७.
अब उत्तराखंड का जथगा रेलवे स्टेशन छिन.. सबु पर संस्कृत मां स्टेशन कु नों नजर आलू। मतलब यु मौका छैंछी भैजी कि अगर संस्कृत मां तुम पास नी वै सक्यन। पर थ्वाड़ा बौत संस्कृत ऐ जांदी… त स्टेशन खड़ू वै तैं तुम दगड़्यों दगड़ी संस्कृत आणा की धौंस त मारी ही सकदां। पैली स्टेशनों कु नौं हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू मां होंदू छै। पर अब संस्कृत मां. तुमखुणी बतैद्यां कि संस्कृत उत्तराखंड और हिमाचल की दूसरी आधिकारिक भाषा च।
८.
अब सुणा तुम सबसी ब्रेकिंग न्यूज। एश्वर्या राय बच्चन, जिंकी एक बेटी च। तिंन बौत बड़ी बात हमसी छुपाई। जु पिछला हफ्ता बैर आई। बल एक 32 साल आदमी कु दावा ची कि बल सु एश्वर्या कु नौन्याअ ची। तैकु बोलणु ची कि 1988 मां ऐश्वर्यान तै जनम दिनी। और बाद मां ऐश्वर्या का मां–बापन् सु द्वी साल तक पाई। द बल एश्वर्या न इथरु बड़ु पाप लुकायुं रै। अब क्या वलु रै अभिषेक।
जथगा उमरै बिचारी एश्वर्या व्हली। तैंका आसापास की उम्र कु तिंकु नौन्याअ भी च लो। द भै।… क्या व्हैगी ईं दुन्या उणी। कलियुग सचै ऐगे बै। कना कना दावा छिन… कना कना लोग।
९.
तन त बल पुलिस का हाथ बड़ा लंबा होंदन… क्वी भी अपराधी तौंकि पौंछ सी बची नी पौंदु. पर बैजी यु कैन नी बताई कि तौंका हाथ लंबा त होंदा छां… पर अपराधी उठोणै की ताकत कभी–कभार कम पड़ी जांदी। जी हां… मामलु इराक कु च।… यख सुरक्षाबलों की एक टीमन आतंकी संगठन ISIS का एक आतंकी वुणी गिरफ्तार करी। लेकिन सु गाड़ी मां नी आई। असल मां आतंकी कु वजन इथगा छई कि कार मां सु घुसी ही नी सकी। रिपोर्ट का मुताबिक मौलवी कु वजह २५० किलोग्राम छई। त् आखिर मां सुरक्षाबल उणी ट्रक बुलौण पड़ी और फिर तै आतंकी उणी पुलिस स्टेशन लिगाई। मी त यु स्वाचणु छौं कि कखि पुलिस स्टेशन का दरवाजा छ्वटा पड़ी व्हला त पुलिस कु या हैकु खर्चा बड़िगे व्हलू।
१०.
हफ्ता मां सिर्फ 4 दिन नौकरी और ३ दिन आराम। सुणी कति भलु लगणु च। पिछला कुछ दिनु बटी सोशल मीडिया पर य मैसेज वायरल व्हणु च। जैका अनुसार फिनलैंड सरकार हफ्ता मां चार दिन सिर्फ नौकरी की व्यवस्था कन वाई च। और छह घंटा काम। कई बड़ा–बड़ा न्यूज चैनलुन भी य खबर चलाई।
लेकिन अब फिनलैंड सरकारन् बोली… अरे भाई।… इथगा ज्यादा सुपिन्या नी द्याखा। हमारु इनु क्वी विचार नी। और यु सिर्फ एक मीटिंग मां यनी बात वई छई… इथगा गंभीरता सी ल्याणा की जरुरत क्या च भै।